Thursday, November 27, 2014

वक़्त क्या हुआ है



अरे सुनो
बताओ तो
वक़्त क्या हुआ है
क्या हम इसे जियें
ये कोई माँ की दुआ है

अरे ये तो रो रहा है
सड़क के किनारे
क्यों खो रहा है
इसे तो खुश होना चाहिए
ये आज़ाद है
पर इसके
कई भाग हैं
कुछ भाग तो भूखे भी हैं
कुछ में दर्द भरा है
हाँ कुछ में है खुशहाली
पर सभी चाहते हैं हरयाली
आखिर ये कैसी छटा है
वक़्त की ये कैसी खता है

अब हमें कोई रोता अच्छा नहीं लगता
अरे वक़्त तू नहीं है
एक अच्छा प्रवक्ता
अच्छा वक्ता  बनना है
तो पहले बनो अच्छा श्रोता
सदियों से
यही तो है होता
सुनो उनकी
जो तुम्हे चलाते हैं
झूठे वादे करते हैं
झूठी कसमें कहते हैं

अरे तुम रट क्यों हो
थोड़ी रौशनी ही तो कम है
बाज़ार में देखो
कितने रंग हैं
क्या??
तुम वो रंग पा नहीं सकते
इतने शोर में
कुछ गा नहीं सकते
अरे छोड़ो
गाने में क्या रखा है
उस दुकान में देखो
वहाँ एक टी.वी रखा है
उसमें तो सब दिखता है
वो दुनिया वो गाने
सब बिकता है

हाँ तुम उसे खरीद नहीं सकते
पर हाँ
तुम देख सकते हो
लेकिन रुको
उसे ज़्यादा देर मत देखना
वो जेल भी भिजवा सकते हैं
क्यूंकि उसे कहते हैं घूरना
फिर अगर कल को कोई
आई गयी हो गयी
तो देखो सब क्या कहेंगे
कहेंगे तुम चोर हो
अरे
तुम्हें गुलाम कर लेंगे

अरे अरे
रो क्यों रहे हो
देखो वो कुछ लोग आ रहे हैं
जानते हो वो कौन हैं?
वो तुम्हारे लिए ही आ रहे हैं
इन्हें मिलें हैं
ढेरो पैसे
ये तुम्हारी
किस्मत बदलेंगे
देखो कैसे
ये तुम्हें पढ़ाएंगे लिखाएँगे
ये तुम्हें
एक अच्छा वक़्त बनाएंगे
कल ये तुम्हें काम भी देंगे
देखो
अब ये तुमको रंग देंगे

पर ये क्या
ये तो कहीं और जा रहे हैं
बंद शीशों के पीछे
ये क्या छुपा रहे हैं
रुको
तुम इनसे भीख नहीं मांग सकते
ये ही हैं वो
जो देते हैं तुम्हें धोखे
इन्होने तुम्हें
कुछ और बनाना था
पर क्या करें जनाब
उन्हें राष्ट्र संवारो सम्मलेन
में जो जाना था

पर तुम दिल छोटा मत करो
देखो तुम कुछ भी करो
बस तुम्हें रोना नहीं है
तुम्हें इन राहों पर
खोना नहीं है
अच्छा एक काम करो
ये लो कुछ रुपिये
कुछ काम करो
भीख माँगना अच्छी बात नहीं
अब तुम कुछ आराम करो

कल सुबह
बाजार में निकल जाना
वहीँ  होता है
बड़े लोगों का
आना जाना
वहीँ जा कर कुछ देखना
कुछ काम माँगना
कुछ पूछना

ऐसा ना हो
की कल तुम भी सड़क पर हो
देखो मैंने कुछ रूपए दिए हैं
अब तुम सड़क पर मत सो

अरे ये क्या
तुम ज़रूर कुछ गलत खरीदोगे
मेरे मेहनत के पैसे को
नशे में खो दोगे
नहीं, वापिस करो ये पैसा
तुम्हारा वक़्त ही है ऐसा
मैं कुछ नहीं कर सकता
अरे मई नहीं हूँ
कोई प्रवक्ता
जाओ
मेरा वक़्त जाया मत करो
मुझे कहीं जाना है
ये सब नाटक
यहां मत करो

अरे सुनो
बताओ तो
वक़्त क्या हुआ है
क्या हम इसे जियें
ये कोई माँ की दुआ है


Written by - Mystical Wanderer

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