Tuesday, December 2, 2014

सरकारी दफ्तर


बड़े खेद से कहना पद रहा है
आज हमें सरकारी दफ्तर जाना है
यकीन मानिए
ये कोई युद्ध से काम न होगा
इतना कागज़ी काम जो करवाना होगा

सुनिए भाईसाहब
ज़रा एक मोहर लगा दीजिये
हमने सब लिख दिया है
आप बस एक नज़र देख लीजिये

'दिखाई नहीं देता
मै चाय पी रहा हूँ
मै क्या यहाँ
यही सब करने पड़ा हूँ'

भाईसाहब
लंच का समय
एक घंटा बाद है
हमे आप का
सारा वक़्त याद है
देखिये
ज़्यादा वक़्त ना लगेगा
एक मोहर लगाने में
आखिर कितना वक़्त लगेगा

'हिम्मत तो देखो
हमें वक़्त सिखाएंगे
जाओ मै कुछ नहीं करूँगा
अब चाहे ये पैर भी पद जायेंगे'

नहीं नहीं
मेरा ये मतलब नहीं था
देखिये काम ज़रूरी है
वरना कोई और वक़्त भी सही था
सुनिए
एक मोहर लगा दीजिये
मेरा काफी ज़रूरी काम है
काम हो जाए
फिर हम दोनों को आराम है

'जाओ जाओ
कभी और आना
ये हमारा चाय का वक़्त है
सुबह आना चाहिए था
भला ये भी कोई
आने का वक़्त है
नहीं तो बड़े साहब के पास चले जाओ
वो कुछ कर देंगे
यहां से निकलो अभी
वरना हम सब रद्द कर देंगे'

देखा, कहा था न
आंसू निकाल देते हैं ये
सरकारी दफ्तर वाले
चलो चलते हैं
करते हैं इन कागज़ों को
उन बड़े साहब के हवाले

सर, ज़रा इन कागज़ों को देख लीजिये
बस एक मोहर की ज़रूरत है
हमारा काम कर दीजिये

'अरे ओ
सर अभी मीटिंग में व्यस्त हैं
दिखाई नहीं देता
इन सब कामों के
सर कितना अभ्यस्त हैं
अरे तुम्हारा तो एक कागज़ है
जानते हो उनके पास
ऐसे कितने आगाज़ हैं
आ जाते हैं
जाने कहाँ कहाँ से
रख जाओ अपना कागज़
मोहर लगवा देंगे
किसी पहर पे'

पर हमारा ये काम ज़रूरी है
आज इसकी आखिरी तारीख है
वरना ये पूरी कोशिश
अधूरी है

;तो हम क्या करें
पहले जागना चाहिए था
जाओ रखो अपना कागज़
हम नहीं करते कुछ काम
अब क्यों उठे हो
करते रहो थोड़ा और आराम
लो रख लो इसे अपने पास
कभी और आना
और हाँ अगली बार ये मनहूस चेहरा
यहां मत दिखाना
और भी तो दफ्तर हैं
अपना काम वहीँ कहीं कराना'

ऐसा ना कीजिये
देखिये बच्चों के लिए मिठाई ले लीजिये
हमारा काम है बहुत ज़रूरी
हम कर लेंगे
साड़ी जी हुज़ूरी

'अच्छा रुको
इधर दिखाओ
ये लो तुम्हारी मोहर
कहीं और दिखाना
आगे से ये तेवर
कैसा वक़्त आ गया है
कौन कौन छा गया है
जाओ निकलो यहां से
हो गया न काम
जाओ अब करने दो आराम'

क्या? क्या कहा?
हो गया मेरा काम?
क्या सच में
और नहीं करना पड़ेगा व्यायाम

अरे नहीं
कल एक और कागज़ पर दस्तखत कराना है
कल फिर एक सरकारी दफ्तर जाना है


-    सुरभि रोहरा


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