Tuesday, August 4, 2015

आज तुम्हे पाना


तेरा आना तेरा जाना
सारी रात यूँ ही रहना
बाँहों में जैसे जीना
आँखों में यूँही खोना
ज़रा सी मुस्कराहट
हर वक़्त यूँ देना
ज़रा सा प्यार
आँखों में भर के कहना
ना ना ना ना ना ना
तुम ही होना
ना ना ना ना ना
मेरी सोना


कसूर उन आँखों का
जो एक टक हमें देखती हैं
कुसूर उन लटों का
जो अनबन सी महकती हैं
हौले से वो उंगलियां
जाने कब करीब आती हैं
धीरे से छू कर सांसों को
जाने कब लौट जाती हैं
आज तुम्हे पाना
आज तुम्हे खोना
हर सांस में हमारी
तुम्ही होना  तुम्ही होना

-  सुरभि रोहरा






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